Kahani shweta ki
"यह कहानी एक साधारण लड़की की है। जो गाँव में पैदा हुई थी, उसके माँ-बाप उसकी पढ़ाई को लेकर बहुत परेशान थे। वे यह सोचते थे कि 'अगर वह गाँव में पढ़ाई करती है तो उसका भविष्य नहीं बनेगा'। और यह बात काफी हद तक सच थी। इसी सोच के साथ उसके माता-पिता ने उसे पढ़ाई के लिए अहमदाबाद भेज दिया।
श्वेता इस बात से अनजान थी कि उसके माता-पिता ने उसको अपने से दूर क्यों किया, यह सारी बातें समझने के लिए श्वेता भी बहुत छोटी थी। धीरे-धीरे दिन बीते और श्वेता पढ़ाई में काफी होशियार हो गई थी। श्वेता की स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद उसके माता-पिता ने उसे वापस बुला लिया।
श्वेता अपने माँ-बाप से बहुत प्यार करती थी, वह कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहती थी जिसकी वजह से उसके माँ-बाप को शर्मिंदा होना पड़े। ऐसी सोच रखने वाली श्वेता, बहुत ही उम्मीदों के साथ अपनी नई कॉलेज लाइफ में दाखिल होती है। कॉलेज में उसकी नई लोगों के साथ मुलाकात होती है और वह उसके बहुत ही अच्छे दोस्त बन जाते हैं।"
Aage Ki Kahani agale part mein.
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